



ग्राम कुरा ब्लॉक धारसिवा जिला रायपुर निवासी लोक गायक व दूरदर्शन कलाकार भगवती साहू से समाज सेवा व कला के क्षेत्र में श्री हरि मानस परिवार उरला के कथा वाचक हरीश साहू , गायक केशव साहू व भजन गायिका बिंदिया साहू नें उनके निवास जाकर किया मुलाक़ात व जाना हालचाल।
70 के दसक संगीतकार , गीतकार,गायक हुए बहुत ही कम उम्र में भगवती साहू जो मानस में उस जमाने के महसूर भजन गायक थे जो लोकगायक पंचराम मिर्जा को अपने गुरु मानते थे जिसने उसे मंच में लोक गायन के लिए मौका दिया भगवती साहू ने खूब तालियां बटोरी तब भगवती साहू ने लोक कलामंच – ,,गवई के फूल ,, में गायक के रूप में उभरा जिसके बहुत ही सुंदर गीत प्रसिद्ध हुए , दुर्ग भिलाई रायपुर म तोला छांद डरेव, ए ददा गो मोर बर खोज के लान दे टूरी,मैं ह लानेव रायपुर ले लुगरा , रद्दा म हो जाहि सांझ वो मोला ते अगोर लेबे जैसे सुपर हिट पारंपरिक गीत प्रसिद्ध हुए वही धार्मिक मानस में प्रसिद्ध हुए गीत,,, श्रवण बेटा ल काबर मारे बाण राजा दसरथ ,शिवपार्वती बीहाव, हरिश्चंद्र दानी , सती कथा जैसे सैकड़ों गीत बहुत ही सु प्रसिद्ध हुए जिन्हे लोग आज भी काफी पसंद करते है और यूट्यूब के माध्यम से देखते सुनते है भगवती साहू का आज भी मानस मंच चलता है जिनके गीत कई मानस मंच गाया जाता है ऐसे कलाकार , धरोहर बहुत ही कम देखने सुनने को मिलते आज भी खेती कर जीवनोपार्जन करते है 50 सालो से कला के छेत्र में सेवा दे रहे है और मानस भजन व लोक गीत कलाकारों को सिखाते है भगवती साहू ने सभी
प्रदेश वासियों का आभार व्यक्त किया ।

