



पाटन के शासकीय हॉस्पिटल लगातार सुर्खियों मे है. कभी ड्यूटी से नादारत तो कभी लेट लतीफ आना, या बाहर से महंगी दवाई लिखने, जैसी लापरवाही आया दिन देखने मिलता है. कभी हॉस्पिटल छोड़ प्रायवेट क्लिनिक मे बैठना व ड्यूटी प्रेड से नदारत होने की शिकायत, बहुत दिनों से मिडिया के माध्यम से हॉस्पिटल की समस्याओं को दिखाया बतलाया जा रहा था. जिसे प्राथमिकता से सज्ञान मे लेकर आज सुबह से दुर्ग कलेक्टर पाटन हॉस्पिटल के निरीक्षण मे पहुँचे. व घंटे भर तक मुआयना करते रहे. आपको बता दे की हॉस्पिटल मे स्टाफ व डॉक्टर के रवैया मरीजों के प्रति मानवीयता नहीं सिर्फ पेशा जैसा दिखाई देता है. समय पर स्वास्थ सुविधा नहीं, छोटी छोटी इलाज को भी पैसे के कमीशन के चलते प्रायवेट हॉस्पिटल मे रिफर का खेल खेल चल रहा है. जंहा गरीब मरीजों मोटी रकम व इलाज से ही पीछे हट जा रहा है व फ़स जाने पर कर्ज लेकर इलाज कराने मजबूर है. आखिर कब होंगी रिफर के नाम पर कमीशन खोरी, कब सुधरेगा हॉस्पिटल का ये दोमुही रवैया, कब मिलेगी सही स्वास्थ उपचार. अब देखना यह है की कलेक्टर के इस औचक निरीक्षण से क्या हॉस्पिटल के हालत मे सुधार होगा