



प्रधान संपादक- अनिल साहू —-
रायपुर, ऊर्जा उत्पादन में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए छत्तीसगढ़ एक क्रांतिकारी दौर से गुजर रहा है। प्रदेश को ऊर्जा क्षेत्र में सशक्त बनाने हेतु विभिन्न औद्योगिक समूहों ने 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रभावशाली नेतृत्व और सुशासन की बदौलत निवेशकों का भरोसा राज्य पर बढ़ा है, जिससे ऊर्जा उत्पादन में न केवल वृद्धि होगी बल्कि आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
हाल ही में रायपुर में आयोजित ‘छत्तीसगढ़ एनर्जी इन्वेस्टर्स समिट’ में विभिन्न प्रतिष्ठित कंपनियों ने इस निवेश की घोषणा की। इसके तहत परमाणु, तापीय, सौर और पंप्ड स्टोरेज परियोजनाओं में बिजली उत्पादन के नए प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे। इससे उद्योगों को लाभ मिलेगा, साथ ही आम नागरिकों को भी किफायती और स्थिर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह निवेश छत्तीसगढ़ की ऊर्जा क्षमता को नए आयाम प्रदान करेगा और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देकर एक सतत भविष्य की नींव रखेगा। सरकार का लक्ष्य है कि राज्य न केवल ऊर्जा में आत्मनिर्भर बने, बल्कि देश के ऊर्जा हब के रूप में स्थापित हो। वर्तमान में छत्तीसगढ़ 30,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। प्रति व्यक्ति 2048 किलोवाट-घंटे की उपलब्धता से राज्य की ऊर्जा आवश्यकताएं पूरी हो रही हैं।
छत्तीसगढ़: ऊर्जा उत्पादन का अग्रणी केंद्र
प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता के कारण छत्तीसगढ़ हमेशा से ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी रहा है। कोयला, जल और सौर ऊर्जा की विशाल संभावनाएं इसे ऊर्जा उत्पादन में एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान करती हैं। प्रदेश के प्रमुख तापीय और जलविद्युत संयंत्रों ने वर्षों से देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई है।
कोयला आधारित ऊर्जा उत्पादन
राज्य में कोयले के बड़े भंडार हैं, जिनका उपयोग कई तापीय ऊर्जा संयंत्रों द्वारा किया जाता है। कोरबा, रायगढ़ और बिलासपुर जैसे जिले इस क्षेत्र के प्रमुख केंद्र हैं, जहां एनटीपीसी, सीएसईबी और अन्य निजी कंपनियों के संयंत्र बिजली आपूर्ति में योगदान दे रहे हैं।
जल विद्युत (हाइड्रो पावर)
महानदी और इंद्रावती नदियों पर संचालित जलविद्युत परियोजनाओं को स्वच्छ ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है। सरकार जलविद्युत परियोजनाओं को और अधिक विकसित करने की दिशा में प्रयासरत है।
नवीकरणीय ऊर्जा (सौर एवं पवन ऊर्जा)
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं पर जोर दे रही है। कई निवेशक सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना में रुचि दिखा रहे हैं।
परमाणु ऊर्जा
एनटीपीसी ने 80,000 करोड़ रुपये के निवेश से 4200 मेगावाट की क्षमता वाला न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट स्थापित करने की योजना बनाई है, जिससे छत्तीसगढ़ में परमाणु ऊर्जा उत्पादन की नई शुरुआत होगी।
निवेश आकर्षित करने में सुशासन की भूमिका
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं।
औद्योगिक नीतियों में सुधार
– नई औद्योगिक नीति के तहत ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करने वाली कंपनियों को टैक्स में छूट और अन्य लाभ दिए जा रहे हैं।
– भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाया गया है, जिससे निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल तैयार हुआ है।
नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा
– 2030 तक छत्तीसगढ़ को नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
– सौर और पवन ऊर्जा में निवेश आकर्षित करने हेतु विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं।
मजबूत लॉ एंड ऑर्डर एवं आधारभूत संरचना
– राज्य में सुदृढ़ कानून व्यवस्था से निवेशकों को सुरक्षित वातावरण मिला है।
– बिजली उत्पादन और वितरण अवसंरचना को उन्नत किया गया है, जिससे निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
प्रमुख निवेश प्रस्ताव
सरकार की अनुकूल नीतियों के चलते कई बड़े उद्योग समूहों ने ऊर्जा क्षेत्र में निवेश की घोषणा की है। प्रमुख निवेशों में शामिल हैं:
– परमाणु ऊर्जा : 80,000 करोड़ का निवेश
– ताप विद्युत: 1,07,840 करोड़
– सौर ऊर्जा: 10,000 करोड़
– पीएम कुसुम योजना :4,100 करोड़
– पंप्ड स्टोरेज परियोजनाएं (PSP): 57,046 करोड़
– क्रेडा सौर पहल: 3,200 करोड़
– पीएम सूर्य योजना: 6,000 करोड़
– सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा: 2,500 करोड़
– बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS): 2,600 करोड़
– पावर ट्रांसमिशन नेटवर्क: 17,000 करोड़
– RDSS (वितरण क्षेत्र योजना): 10,800 करोड़
अदानी पावर, जिंदल पावर, सरदा एनर्जी, एनटीपीसी और सीएसपीजीसीएल जैसे बड़े उद्योग समूह ताप विद्युत, सौर ऊर्जा और पंप्ड स्टोरेज परियोजनाओं में निवेश कर रहे हैं। अदानी पावर 66,720 करोड़ रुपये की लागत से तीन नए थर्मल पावर प्लांट स्थापित करेगा, जबकि जिंदल पावर रायगढ़ में 1600 मेगावाट की परियोजना के लिए 12,800 करोड़ रुपये निवेश करेगा।
ऊर्जा क्रांति के संभावित लाभ
छत्तीसगढ़ में ऊर्जा उत्पादन में बढ़ोतरी के निम्नलिखित प्रमुख लाभ होंगे:
1. आर्थिक समृद्धि: निवेश से राज्य की जीडीपी में वृद्धि होगी और औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
2. रोजगार के अवसर: हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से नौकरियां मिलेंगी।
3. पर्यावरण संरक्षण: नवीकरणीय ऊर्जा की वृद्धि से कोयला आधारित उत्पादन पर निर्भरता घटेगी।
4. बिजली की स्थिर आपूर्ति: राज्य अन्य राज्यों को बिजली निर्यात कर सकेगा, जिससे अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।
इन महत्वपूर्ण निवेशों के साथ, छत्तीसगढ़ देश के सबसे बड़े ऊर्जा उत्पादक राज्यों में शामिल होने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य एक नई ऊर्जा क्रांति के दौर से गुजर रहा है, जिससे उद्योगों, किसानों और आम जनता को लाभ मिलेगा। यह परिवर्तन छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और हरित भविष्य की ओर अग्रसर करने में मदद करेगा।