



मो युसूफ खान वरिष्ठ पत्रकार अंडा दुर्ग
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अंडा //
दुर्ग ग्रामीण विधानसभा व दुर्ग ब्लाक के ग्राम घुघसीडीह(उतई) निवासी ने इंदिरा गाँधी कृषि विष्वविद्यालय रायपुर केम्पस के बी एस सी एग्रीकल्चर फाइनल की छात्रा मुस्कान देशलहरे पिता दिलीप लहरिया बी एस सी एग्रीकल्चर फाइनल की छात्रा ने अपने एग्रीकल्चर कालेज के साथियों के साथ मिलकर इजिप्ट मिस्र देश के कार्यक्रम में शामिल हुई।अंतर्राष्ट्रीय कार्यकम महोत्सव में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य की लोक नृत्य, पंथी नृत्य को प्रदर्शित करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य की धरोहर , संस्कृति की रक्षा पंथी नृत्य में बाबा गुरु घासीदास जी के दिए उपदेश मानव मानव एक समान के संदेश पर आधारित है। जो सम्पूर्ण विश्व को एक होने तथा समानता की भावना का अहसास कराता है। साथ ही इस टीम ने छत्तीसगढ़ की अन्य लोक नृत्य ,कर्मा ,सुवा,तथा बस्तर के अनोखी संस्कृति को प्रदर्शित किया और अपनी लोक संस्कृति को इजिप्ट मिश्र देश में अपनी प्रस्तुति दी ।पी डी पंथी परिवार द्वारा इजिप्ट गवर्नर को बाबा गुरु घांसीदास जी की स्मृति चिन्ह प्रदान कर सप्रेम भेंट दिया।इजिप्ट गवर्मेंट द्वारा छत्तीसगढ़ पी डी पंथी परिवार को एक नई पहचान दिलाकर उन्हें शील्ड एवं पुरस्कार देकर ,सम्मानित किया। हमारे देश भारत व छत्तीसगढ़ राज्य के लिए यह गर्व की बात है ।आज हमारी संस्कृति अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान बना चुकी है।इस कार्यक्रम में 8 देशों से अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम हेतु निमंत्रण था। कालेज के विद्यार्थियों ने लोकनृत्य में राष्ट्रीय स्तर पर 3 बार गोल्ड मेडल का खिताब भी हासिल किया । विशेष उपलब्धि राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस परेड नई दिल्ली 2023 कर्तव्य पंथ में पंथी नृत्य में छत्तीसगढ राज्य का प्रतिनिधित्व किया और साथ में विभिन्न जिलों एवं भारत के विभिन्न राज्यों में अपनी प्रस्तुति प्रस्तुत की हैं ।टीम सदस्य पुनादास, डॉ हरेंद्र, मनोज कुमार, रामाधार बंजारे, अल्का मिंज, आकांक्षा केशवानी, मुस्कान देशलहरे( ग्राम घुघसीडीह),आकांक्षा वर्मा शामिल हुई। छत्तीसगढ़ पी डी पंथी टीम का आभार ब्यक्त करते हुए कहा की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान दिलाई है।जिसके लिये धन्य है। वो छत्तीसगढ़ राज्य के कलाकारो ने अपनी लोकनृत्य पंथी नृत्य सांस्कृतिक धरोहर को एक नई पहचान के साथ इजिप्ट मिश्र देश में अपना परचम लहराया।जिसमें दूर्ग ब्लाक के ग्राम घुघसीडीह(उतई)के इंदिरा गांधी कृषि विष्वविद्यालय रायपुर केम्पस के बी एस सी एग्रीकल्चर फाइनल की छात्रा मुस्कान देशलहरे पिता दिलीप लहरिया बी एस सी एग्रीकल्चर फाइनल का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।