दिसंबर 2025 तक तैयार होगा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे, यात्रा समय होगा आधा…

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भारतमाला सड़क परियोजना के तहत बन रहा दुर्ग-रायपुर सिक्सलेन बायपास अब तेजी से आकार ले रहा है। इस बायपास के पूरा होने के बाद दुर्ग से रायपुर की दूरी मिनटों में तय की जा सकेगी। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का निर्माण कार्य दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह बायपास न केवल यातायात के दबाव को कम करेगा, बल्कि यात्रियों के समय और ईंधन की बचत भी करेगा।

बता दें कि दुर्ग-रायपुर बायपास का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा किया जा रहा है। इसकी कुल लंबाई 92.23 किलोमीटर है और इस परियोजना की लागत लगभग 2,281 करोड़ रुपये है। यह बायपास राजनांदगांव के ग्राम टेड़ेसरा से शुरू होकर रायपुर जिले के आरंग के पास मुंबई-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ेगा। यह राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-53 का हिस्सा होगा और नवा रायपुर अटल नगर से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर होगा।

यातायात और समय की बचत-
वर्तमान में दुर्ग-रायपुर मार्ग पर यातायात का भारी दबाव रहता है, जिससे यात्रा में काफी समय लगता है। नए बायपास के पूरा होने के बाद कोलकाता-मुंबई हाईवे से गुजरने वाले भारी वाहन सीधे दुर्ग और रायपुर शहर के बाहर से निकल जाएंगे। इससे शहर के अंदर यातायात की भीड़ कम होगी और यात्रियों का समय बचेगा। साथ ही, ईंधन की खपत में भी कमी आएगी।

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की खासियत-
यह बायपास ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के रूप में तैयार किया जा रहा है, जो रायपुर के चारों ओर बायपास का काम करेगा। यह नवा रायपुर को भी जोड़ेगा, जिससे आने-जाने में और सुविधा होगी। अभनपुर विकासखंड के कोलर क्षेत्र में पुराने धमतरी मार्ग पर फ्लाईओवर का निर्माण भी तेजी से चल रहा है, जो इस परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

परियोजना का प्रगति-
एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार, परियोजना का निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। पिछले दो साल से चल रहे निर्माण कार्य में अब तेजी आ गई है। इस बायपास के पूरा होने के बाद न केवल स्थानीय लोगों को यातायात की सुविधा मिलेगी, बल्कि राज्य के आर्थिक विकास में भी इसका महत्वपूर्ण योगदान होगा।

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