बेटी के जन्मदिन पर बच्चों की पढ़ाई करने हेतु अपना देहदान करने का लिया संकल्प

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रिपोर्ट — मो. युसुफ खान अंडा – दुर्ग —

जीवन भर मरीजों की सेवा करते हुए स्टूडेंट की मेडिकल पढ़ाई के लिए करेंगे चंद्रहास देहदान –
बेटी की जन्म दिन पर लिया संकल्प, 43वर्ष की उम्र में 65बार कर चूके रक्तदान

दुर्ग // अपने लिए जिए तो क्या जिए ,तू जिए जिंदगी दिल जमाने के लिए इन बातों को चरितार्थ कर रहे हैं– दुर्ग जिले के ग्राम जंजगीरी निवासी 43 वर्षीय चंद्रहास देशमुख जो दुर्ग जिला के उपस्वास्थ केंद्र उरला में वर्तमान में आर एच ओ पद पर कार्य कर जीवन भर मरीजों की सेवा कर अपनी मौत के बाद अपने शरीर को मेडिकल छात्र छात्राओं के पढ़ाई के लिए देहदान करने की घोषणा कर अभिनव पहल कर चुके हैं ।अपने पूरे परिवार के साथ अपनी बेटी के जन्मदिन पर देहदान की संकल्प लिया। गौरतलब है कि 43 वर्ष के इस जीवन में 65 बार रक्त का दान कर कई लोगों की जान बचाकर उनके जीवन में खुशियां भरकर समाज के लिए प्रेरणा श्रोत बने हुए हैं ।
चंद्रहास देशमुख ने बताया जीवन का दूसरा अर्थ सेवा है संसार में ऐसा काम करना कि दूसरे जीव को लाभ हो क्योंकि इस शरीर को जलाकर नष्ट करने की बजाय मेडिकल कॉलेज को दान करूंगा क्योंकि मेरे शरीर का एक-एक अंग मेडिकल छात्रों के काम आएगा। ऐसी सोच व संस्कार सेवानिवृत शिक्षक पिता चंद्रिका प्रसाद देशमुख से बचपन में ही कक्षा चौथी से शिक्षा में मिला ।तब रामचरितमानस को जीवन शैली में अपना कर निस्वार्थ भाव से समाज में मानव सेवा ही का संकल्प लेकर कार्य कर रहे हैं। वहीं भिलाई में पढ़ाई करते समय 2002 में अपने सहपाठी को स्टूडेंट को पहली बार रक्तदान कर उनकी जान बचाई थी।तब से बीते 22 वर्ष में आज तक 65 बार रक्तदान कर मिसाल बनकर लोगों में फैली भ्रांति को दूर कर रक्तदान स्वयं कर के लोगों को मोटिवेट कर रहे हैं

दिव्यांग तृष्णा सहित 16 स्कूली बच्चों को करते हैं पढ़ाई में सहायता

रामचरितमानस को बचपन से ही पठन करने के कारण सेवा भाव सेवा भाव रग रग में भरा है ।निर्धन छात्र-छात्राओं को शिक्षा के लिए दान करते हैं वही अपने कार्य के दौरान कई स्कूली बच्चों को शिक्षा की सामग्री सहित कई जरूरत का सामान शिक्षकों के माध्यम से स्कूल में जाकर दान करते हैं। ज्ञात हो कि अपने गृह ग्राम जंजगिरी के तीन निर्धन बच्चों सहित अंडा , बोरीगारका में निर्धन परिवार के मूकबधिर बेटी कृष्णा साहू जो कक्षा 11 वी में पढ़ाई कर रही है वही अभी 17 बच्चों को सहयोग देकर शिक्षा दान कर महादान कर अनु करणीय पहल कर रहे हैं।

*मेडीकल कालेज को कर दी बेटी के जन्म दिन पर देहदान*
कक्षा आठवीं में उसकी बेटी गोपा पढ़ाई कर रही है, गोपा का अर्थ कृष्ण की प्रिया होती है। बेटी के जन्म दिन पर मेडिकल कालेज को देहदान कर दीया, पत्नी चंद्र कुमार देशमुख भी स्वास्थ्य विभाग दुर्ग में नर्स पद पर कार्यरत है वहीं बेटा भौमिक देशमुख कक्षा 4 स्टैंडर्ड में है, आगे
देशमुख जी ने बताया कि जीते जी कुछ ना कर सका तो मरने के बाद मेडिकल कालेज स्टुडेंट के पढ़ाई के लिए मेरा शरीर काम आएगा । वही हमारी एक छोटी सी कोशिश से किसी की जान बच सकती है। इसलिए रक्तदान कर किसी के जीवन को बचा सकते हैं। समाज में झूठी फैली भ्रांति से ऊपर उठकर नई सोच, नए विचार के साथ कार्य करने की जरूरत है। तो मानव जीवन को धन्य बना देगा।।

दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर ने कहा की इनसे लोगों को प्रेरणा मिलती है कि रक्तदान और देहदान महादान। विधायक जी ने इनके अनुकरणीय कार्य की सराहना की है।

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