विद्युत शक्ति संचरण के नाम पर किसानों के खड़ी फसलों को रौंदे जा रहे है — ढालेश साहू

[adsforwp id="60"]

भारत सरकार व राज्य सरकार की विद्युतीकरण की नीति ऐसी कि किसानों के खड़ी फसलों को रौंदते हुए विद्युत शक्ति संचरण के नाम पर उक्त कंपनी द्वारा मनमानी करते हुए टावर लाइन लगाने का काम किया जा रहा है।

उक्त घटना दुर्ग जिले के दुर्ग ग्रामीण विधानसभा के ग्राम मचांदूर की है, जहां किसानों से बिना सहमति लिए, बिना अनुमति लिए, बिना किसी पंचनामा किये, व बिना मुआवजा दिए विद्युत टावर लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है।


विद्युत टावर लाइन बिछाने के नाम पर उक्त जिस किसान के जमीन पर टावर लगनी हैं उसे पावर ग्रिड रायपुर पूल धमतरी ट्रांसमिशन लिमिटेड द्वारा फसल फील्ड सर्वे के नाम पर मुआवजा राशि दिया गया है पर टावर लाइन बिछाने पर प्रभावित लाइन के नीचे आने वाले जमीनों कि किसानों को न ही कोई जानकारी व नोटिस दिया गया है। जिससे किसान अचरज में है, उनके मेड़ों में उगे हुए पेड़ों का सर्वे व नंबरिंग उक्त कंपनी द्वारा किया हुआ है । क्या वह पेड़ लगे रहेंगे या बाद में कांटे जा सकते हैं, इसकी स्पष्ट जानकारी किसानों को नहीं दी गई।

*विद्युत टावर लाइन से प्रभावित किसान आंदोलन की राह में*

प्रभावित किसानों की मांग है कि फसलों की पकने तक तत्काल विद्युत लाइन टावर बिछाने का काम बंद किया जाए , अगर किसानों की मांगों पर प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की जाएगी तो जल्द ही विद्युत टावर लाइन से प्रभावित किसानों की आंदोलनरथ हो सकते हैं, जिसकी एवज में किसान बैठक दिनांक 9 सितंबर को शाम 3:00 बजे बस स्टैंड को यात्री प्रतीक्षालय में मचांदूर में रखी गई है। किसानों की ओर से प्रतिनिधित्व करने के लिए नंद कुमार साहू व रणमत साहू , खोम साहू व भुरवा यादव व प्रभावित किसानसाथी व किसान संगठन से ढालेश साहू व नंद कुमार साहू उपस्थित होंगे।

*आगामी छग प्रगतिशील किसान संगठन के नेतृत्व में होने 20 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ प्रदेश स्तरीय किसान महापंचायत पर भी चर्चा की जाएगी।*

रिपोर्ट – एम डी युसूफ खान
♏ 9179799491

Leave a Comment

[adsforwp id="47"]