



दुर्ग। प्रदेश के 42 हजार स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाने वाले 87 हजार से अधिक रसोइया 31 अगस्त को कामबंद हड़ताल पर रहेंगे। प्रदेश भर के रसोइया 31 अगस्त को राजधानी रायपुर में जुटेंगे और अपनी मांगों को लेकर हुंकार भरेंगे। रसोईयों की मांग है कि उन्हें हर महीने 10 हजार रुपए मानदेय दिया जाए और उनका नियमितीकरण भी किया जाए।
हालांकि भूपेश सरकार ने 300 और 500 रु वेतन में बढ़ोत्तरी की है और अब इन रसोईयों को 23 सौ रु हर महीना मानदेय दिया जा रहा है। किंतु महंगाई के इस युग में यह मानदेय रसोईयों को नाकाफी लग रहा है। दरअसल, स्कूलों में रसोइए का काम करने वाले लोगो को गांव के मनरेगा जैसे योजनाओं में यह कह कर काम नही दिया जाता कि वे सरकारी कर्मचारी है। जबकि इन रसोईयों का वेतन मनरेगा से भी कम है। स्कूलों के ग्रीष्म अवकाश का वेतन इन्हे नही दिया जाता। रसोईयों ने सरकार से वर्दी व साल भर मानदेय देने की मांग की है। इसी सिलसिले में 31 अगस्त को प्रदेश भर के रसोइए एक दिन के हड़ताल में जा रहे है।