



UPSC सिविल सेवा परीक्षा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तुलना में विशिष्ट है। इसका विस्तृत पाठ्यक्रम, परीक्षा के भिन्न-भिन्न प्रकृति के चरण, अभ्यर्थियों के बीच गहन प्रतिस्पर्धा आदि के कारण तैयारी के लिए उचित रणनीति बनाने की आवश्यकता होती है। इसी क्रम में अध्ययन के लिए कितने घंटे दिए जाएँ; बड़ा प्रश्न है।



संस्कृति IAS Coaching सेंटर दिल्ली का सबसे भरोसेमंद UPSC Coaching सेंटर है जो UPSC के छात्रों को शिक्षा दे रहा है। दृष्टि IAS के तमाम बड़े शिक्षक अब संस्कृति आईएएस में ही पढ़ाते हैं। अखिल मूर्ति , एके अरुण , रितेश जैस्वाल , कुमार गौरव इत्यादि शिक्षक छात्रों को अपने अनुभव के आधार पर शिक्षा दे रहे हैं। हिंदी मीडियम के छात्रों पर लगतार मेहनत के चलते ही संस्कृति ने UPSC में हिंदी मीडियम के छात्रों का अनुपात बढ़ा दिया है। पहले की अपेक्षा अब हिंदी में UPSC की तैयारी करने वालों का UPSC में चयन बढ़ा है।
UPSC के लिए रोजाना घंटे पढ़ने के सम्बन्ध में संस्कृति IAS Coaching सेंटर के सुझाव
पढ़ाई करने सम्बन्धी रणनीति-
1. प्रत्येक व्यक्ति में अध्ययन की उत्पादकता दर अलग-अलग होती है। कोई अभ्यर्थी एक घंटे में कितना पढ़ रहा है, यह उसकी रीडिंग स्किल एवं समझ पर निर्भर करता है। इस प्रकार हर व्यक्ति की रणनीति में अध्ययन के घंटे सामान नहीं होंगे।
2. यदि कोई अभ्यर्थी रोजाना 15 से 16 घंटे पढ़ने में सहज है तो बेहतर है। यद्यपि व्यावहारिकता में देखें तो इसकी निरंतरता को बनाए रखना थोड़ा कठिन लगता है।
3. अध्ययन में समय प्रबंधन एवं अनुशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बशर्ते इसमें व्यावहारिकता हो। कुछ अधोलिखित बिन्दुओं के आधार पर अपने अध्ययन का समय तय कर सकते हैं-
• यदि आप तैयारी के शुरूआती चरण में हैं तो प्रतिदिन कम से कम 8 घंटे पढ़ने के लिए निकालें।
• इन 8 घंटो को दिन के अलग-अलग समय में तय कर लें। जैसे दो-दो घंटे की चार शिफ्ट। यदि आप किसी कोचिंग संस्था में क्लास भी कर रहे हैं। तो बचे शेष समय को बाँट लें। कुछ समय नया पढ़ने के लिए रखें, कुछ रिवीजन के लिए, तो कुछ समय अभ्यास के लिए।
• समय प्रबंधन को लचीला रखें।
• प्रयास करें निरंतरता बनी रहे।
• अध्ययन के उपरांत मूल्यांकन करते रहें।
• परीक्षा नजदीक आने पर अपनी रणनीति को संबंधित परीक्षा पर केन्द्रित कर लें। अध्ययन के घंटों को भी बढ़ा सकते हैं, जो अधिकतम 12 से 13 घंटे तक कर लेना व्यावहारिक होगा।
4. तैयारी के दौरान जीवन में अनुशासित एवं मोटीवेटेड रहें, जो अध्ययन में गुणवत्ता को बढ़ाएगा। ऐसे अनेक उदाहरण है जहाँ अभ्यर्थियों ने अपने सीमित घंटों के अध्ययन से भी सफल हुए हैं।
परीक्षा की तैयारी के लिए प्रतिदिन कितना समय पढ़ाई में दिया यह कम महत्वपूर्ण है बल्कि दिन में कितना सीखा यह महत्त्व रखता है। अध्ययन में गुणवत्ता लाएं ताकि अध्ययन के लिए निकाले समय का सदुपयोग हो सके।